निवाड़ी। जिला मुख्यालय पर जनपद संस्कृत सम्मेलन समिति के द्वारा जिला स्तरीय संस्कृत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न शैक्षणिक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के लोग सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए। नगर की विभिन्न शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने शोभायात्रा में भाग लिया।
जिला स्तरीय संस्कृत सम्मेलन की शोभायात्रा का शुभारंभ नगर परिषद कार्यालय से किया गया एवं समापन अंबेडकर चौराहा के पास अटल सभागार किया गया। शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में नगर की शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चे शामिल हुए और संस्कृत वाणी को जनवाणी बनाने के लिए नारे लगाए गए और डीजे के द्वारा संस्कृत भाषा के मधुर गीतों के बीच जिला स्तरीय संस्कृत सम्मेलन की शोभायात्रा निकाली गई ।ऐसा नगर में पहली बार हुआ है जिसके कारण नगर में संस्कृत सम्मेलन आकर्षण का केंद्र बना रहा।
संस्कृत सम्मेलन की शुरुआत मुख्य अतिथि नगर परिषद अध्यक्ष गुलाब अहिरवार एवं मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृत भारती के महाकौशल प्रांत के संगठन मंत्री डॉ मनोज दुबे द्वारा दीप प्रज्वलित एवं भारत माता के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुलाब अहिरवार ने संस्कृत भाषा एवं अपनी संस्कृति को अपने पर जोर दिया वहीं मुख्य वक्ता डॉक्टर मनोज दुबे द्वारा संस्कृत भारती के द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
संस्कृत भारती के द्वारा संस्कृत को बोलने ,पढ़ने और सीखने के लिए करती है 10 दिनों के संभाषण शीविर
संस्कृत भारती समाज में संस्कृत के प्रति गौरव और श्रद्धा का भाव पैदा करने का कार्य कर रही है जिन लोगों को संस्कृत बोलने पढ़ने और शुद्ध उच्चारण में परेशानी होती है ऐसे लोगों के लिए संस्कृत भारती के 10 दिन के संभाषण शिविर का आयोजन करती है जिसमें संस्कृत के प्रति लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है और बोलने पढ़ने और शुद्ध उच्चारण की क्षमता का विकास होता है। डॉ दुबे ने कहा कि संस्कृत द्वारा हमारे राष्ट्र की सबसे प्राचीन भाषा है जिसे देव वाणी भी कहा जाता है ।संस्कृत भारती संस्कृत को लेकर एक जन आंदोलन कर रही है जिससे संस्कृत के प्रति लोगों का समर्पण और श्रद्धा का भाव जागृत हो सके। वर्तमान परिवेश में संस्कृत के द्वारा लोग सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर रहे हैं और विज्ञान एक तौर पर भी संस्कृत का उपयोग होने लगा है जिससे आज समय आ गया है कि हम सभी संस्कृत भाषा का प्रयोग करना भी शुरू कर देना चाहिए।
इसके साथ ही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला संपर्क प्रमुख अनुराग चतुर्वेदी ने कहा कि संस्कृत भाषा की शिक्षा नर्सरी से ही शुरू की जानी चाहिए जिससे बच्चों का संस्कृत के प्रति लगाव बढ़ सके और हिंदी अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भाषा भी प्रमुख भाषा बन सके। साथ उन्होंने बताया कि श्री राम राजा की नगरी ओरछा में गुरुकुल पद्धति के आधार पर संस्कृत विद्यालय कई वर्षों से चल रहा था जो टूटने के कगार पर है संस्कृत भारती के द्वारा इसको पुनरुद्धार किया जाए जिससे जिले के बच्चों को संस्कृत भाषा को सीखने के लिए अन्यत्र ना जाना पड़े और हमारे जिले से ही संस्कृत भाषा के विद्वान निकलना शुरू हो जाए। जिस पर प्रांत के संगठन मंत्री ने संस्कृत भारती के द्वारा संस्कृत में हो रहे कई प्रकार के प्रशासनिक सुधारो से से सभी को अवगत कराया।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत के गीत द्वारा की गई जिसका गायन सुंदरम चतुर्वेदी द्वारा किया गया एवं संस्कृत भाषा में नारे ऋषिकांत रावत द्वारा लगाए गए एवं कार्यक्रम का सफल संचालन प्रवीण जी दुबे द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित श्री राम प्रकाश नायक द्वारा की गई एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मानसिंह तोमर एवं अनुराग चतुर्वेदी में मौजूद रहे।
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