पोहरी- पोहरी अनुभाग में अभी हाल ही में एसडीएम जेपी गुप्ता को मकलीजरा ग्राम से सूचना मिली कि मनरेगा के कार्य मे जेसीबी से कार्य किया जा रहा है जिसे लेकर पोहरी एसडीएम जेपी गुप्ता ने तहसीलदार को भेज जेसीवी मशीन को जब्त करा दिया था लेकिन जब उसकी हकीकत सामने आयी तो आज उसे मुक्त किया गया है।
ऐसे में बिना पुष्टि के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मनमानी करने का मामला सामने आ रहा है जिस जेसीवी को जिस स्थल से जब्त किया गया बहा जेसीबी मशीन से पाइप उतारे जा रहे थे बही स्थल की सफाई करायी जा रही थी वही कार्यवाही करने को लेकर एसडीएम ने उस जेसीबी मशीन को मनरेगा का रूप देकर जब्त करा दिया जबकि हकीकत सबके सामने थी।
जब पूरी जानकारी जानकारी सीईओ शेलेन्द्र सिंह को लगी तो तत्काल सम्वन्धित विभाग के एई को मौका स्थल पर भेजा जहां आदिम जाति कल्याण विभाग से रपटा-पुलिया निर्माण का कार्य निकला। जांच प्रतिवेदन को देख प्रशासनिक अधिकारियो के होश उड़े ओर आनन-फानन में जेसीवी को मुक्त करना पड़ा। लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि अगर जिस जेसीबी को मनरेगा के कार्य मे लगा समझ जब्त किया उस समय सम्वन्धित मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सूचना क्यों नही दी। वही कार्य स्थल पर जब ।मशीन अबैध कार्य नही कर रही तो उसे जब्त क्यों किया गया। इस कार्यवाही से प्रसासन पर बड़ा सवाल उठता है कि क्या अंग्रेजो के जमाने के कानून आज भी लागू है।
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