खरगापुर नगर में आज हजरत इमाम हुसैन और उनके72 साथियों को शहादत की याद में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया
जुलूस पूरी अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया यू तो मोहर्रम का पूरा महीना बहुत ही पाक और गम का महीना होता है लेकिन आज दसवीं मोहर्रम के दिन जिसे रोज ए आशूरा कहते हैं 1400 साल पहले मोहर्रम के महीने की 10 तारीख को हजरत इमाम हुसैन इराक के कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत की खातिर कर्बला के मैदान में अपनी शहादत दी थी पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवाजे थे हुसैन उन्नत तवा करती है उस सर जमीन का सिर पर हुआ था आखरी सजदा हुसैन का ताजियों का जुलूस खरगापुर के मेन बाजार में होते हुए प्राचीन किला पर पहुंचे जहां बड़ी सिद्धांत जनों एवं बड़ी तादाद में लोग उपस्थित रहे इस मौके पर पुलिस प्रशासन की बहुत ही चौकन्ना व्यवस्था रही
खरगापुर से न्यूज़ 17 के लिए चक्रेश जैन की रिपोर्ट
जुलूस पूरी अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया यू तो मोहर्रम का पूरा महीना बहुत ही पाक और गम का महीना होता है लेकिन आज दसवीं मोहर्रम के दिन जिसे रोज ए आशूरा कहते हैं 1400 साल पहले मोहर्रम के महीने की 10 तारीख को हजरत इमाम हुसैन इराक के कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत की खातिर कर्बला के मैदान में अपनी शहादत दी थी पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवाजे थे हुसैन उन्नत तवा करती है उस सर जमीन का सिर पर हुआ था आखरी सजदा हुसैन का ताजियों का जुलूस खरगापुर के मेन बाजार में होते हुए प्राचीन किला पर पहुंचे जहां बड़ी सिद्धांत जनों एवं बड़ी तादाद में लोग उपस्थित रहे इस मौके पर पुलिस प्रशासन की बहुत ही चौकन्ना व्यवस्था रही
खरगापुर से न्यूज़ 17 के लिए चक्रेश जैन की रिपोर्ट


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