टोड़ीफतेहपुर(झांसी)।कस्वा के मुहल्ला फतेहपुर में इटवा दरवाजा पर स्थित कामना पूर्ण हनुमान जी के मन्दिर पर श्रीहनुमान सेवा समिति के तत्त्वाधन में तीन दिवसीय रामचरित्र मानस सम्मेलन का आयोजन प्रतिवर्ष की भाँति किया गया कस्वा सहित क्षेत्र के श्रोताओं ने मानस कथा को श्रवण किया गया।
तीन दिवसीय मानस सम्मेलन में कथा व्यास पण्डित सीताशरण शास्त्री ने अपने मुखारविन्द से मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम जन्म एवं हनुमान जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि राजा दशरथ के चारो पुत्रो के पूर्व एक पुत्री थी जिसका नाम शान्ता था जिसका पणिग्रहण संस्कार महर्षि ऋगी ऋषि के साथ सम्पन्न हुआ था।आगे कथा में बताया कि पुत्रोष्ठी यज्ञ के समय अग्निदेव चरु लेकर प्रकट हुये और राजा दशरथ की तीनो पत्नियां कौशल्या,कैकई और सुमित्रा को चरु की खीर का प्रसाद ग्रहण करने के लिए हाथो में दिया पर सुमित्रा के हाथों से पक्षी खीर को लेकर उड़ गया खीर लेकर उड़े पक्षी का पक्षियों के झुंड में पहुंचने पर आपस मे झगड़ा हो गया और पक्षी की चोंच से खीर का प्रसाद गिर गया जो अंजना माता के हाथों में पर गिरा जिसे अन्जना माता ने भगवान शिव का प्रसाद समझ कर खीर को ग्रहण कर लिया जिससे माता अन्जना के गर्भ से हनुमान जी ने जन्म लिया और सुमित्रा की खीर पक्षी के ले जाने पर कौशल्या और कैकई ने अपने हिस्से में से कुछ भाग सुमित्रा को दे दिया तउपरान्त कौशल्या के गर्भ से श्रीराम,कैकई के गर्भ से भरत और सुमित्रा के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ।
कथा वाचक द्वारा गूढ़ रहस्य कथाओ का वर्णन सुन श्रोता मनमुग्ध हो गए मानस कथा में महिलाओं की उपस्थिति ज्यादा रही।मानस कथा के अन्त में हनुमान सेवा समिति के सदस्यों द्वारा मंगल आरती की गई।मानस कथा के सहयोगी महेन्द्र चतुर्वेदी, शंकरलाल शास्त्री,अनिरुद्ध तिवारी,वैदेहीशरण गुप्ता,जयरामसिंह ठाकुर एवं हरिशंकर साहू सहित कस्वावसियो द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।
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रिपोर्ट:वीरेंद्र तिवारी पिंटू महाराज |


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