पोखर को तालाब का रूप देकर करवा लिया भुगतान,मजदूरों की जगह JCBमशीन से की गई तालाब की खुदाई

✍️शानू अली भगवॉ 

। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत कुवंरपुराकलां नवीन तालाब निर्माण कराया गया है। बताया जाता है कि, निर्माण कार्य में नियमों की अनदेखी की गई है और पोखर को तालाब का रूप देकर भुगतान निकाला गया साथ ही मजदूरों की जगह मशीन से तालाब की खुदाई की गई। अधिकारियों ने मामले की जांच करानें की बात कही है।

     

     वर्ष 2017-18 में मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत कुंवरपुराकलां स्थित चौडाहार में 11.75 लाख रुपये नवीन तालाब निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत हुऐ है। तकनीकी प्राक्कलन अनुसार 7 लाख रुपये मजदूरी व करीब 4 लाख 70 हजार रुपये मटेरियल पर व्यय होना प्रस्तावित है। निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत ने नियमों को दरकिनार कर काम कराया है ग्रामीण बताते है कि, निर्माण स्थल पर वर्षों पुराना पोखर है उसी में मशीन चलाकर तालाब बनाया गया है। मशीन द्वारा तालाब से निकली मिट्टी को प्रधानमंत्री सडक से नन्नाखेरा की ओर बनने वाली सूदूर सडक में उपयोग किया गया है। बताया जाता है कि, मस्टर पर मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्शाकर भुगतान निकाला गया। विभाग की मानें तो नवींन तालाब निर्माण में 7 लाख 06 हजार 656 रुपये मजदूरी, 1 लाख 82 हजार रुपये मटेरियल व 2 लाख 86 हजार 320 रुपये परिवहन पर व्यय किया गया है।

 

               

                                मटेरियल से ज्यादा परिवहन में खर्च

 

   ग्राम पंचायत कुवंरपुराकला में मनरेगा योजना अंतर्गत 11.75 लाख रुपये से बनाऐ गये नवीन तालाब में  1 मार्च से 27 मई 2018 के मध्य तीन माह की अबधि में कुल 6 मस्टर रोल जारी किए गये। इन मस्टर रोल में उन मजदूरों के नाम चढाऐं गये जिन्हें नवीन तालाब निर्माण में काम नहीं दिया गया। तालाब निर्माण के लिए 32 हजार रुपये रेत, 75 हजार रुपये सीमेंट व 75 हजार रुपये गिट्टी खरीदी में बताया गया। 1 लाख 82 हजार रुपये के मटेरियल खरीदी में लाख 86 हजार 320 रुपये परिवहन पर व्यय किऐ गये जिसे संदेहास्पद माना जा रहा है।  

 

           मजदूरों पर कब कितना खर्च

 

मस्टर नं.        जारी दिनांक         मजदूरी भुगतान

16079          1 मार्च 2018      1 लाख 62 हजार 024

16360          8 मार्च 2018      1 लाख 54 हजार 800

16799         15 मार्च 2018      1 लाख 43 हजार 448

 1691          09 मई 2018      1 लाख 19 हजार 016

 2042          16 मई 2018      1 लाख 12 हजार 752

 2513          27 मई 2018            14 हजार 616

 

 

                           मनरेगा में धांधली मशीनें करती काम

 

   जनपद क्षेत्र में ग्रामीणों को रोजगार मिलना एक बडी समस्या है रोजगार के अभाव में अनेक परिवार पलायन भरण पोषण कर रहे है। हालांकि, सरकार ने पलायन रोकनें के लिए मनरेगा योजना चालू की है। योजना अंतर्गत जॉबकार्ड धारियों को कानूनी तौर पर उनके ही गांव में 100 दिन का काम मुहैया कराया जाता है। परंतु पंचायती नुमाइंदों द्वारा इन मजदूरों के हक पर मशीन चलाकर काम कराये जाते है और बाद में मस्टर पर फर्जी मजदूरी दिखाकर भुगतान का खेल शुरु होता है।  विकासखंड की 79 ग्राम पंचायतों में करीब साढे 18 हजार जॉबकार्ड जारी हैं, इनमें 42 हजार 474 मजदूरों के नाम दर्ज हैं। चालू वर्ष में तकरीबन 10 हजार जॉबकार्ड धारकों को काम दिया गया है। जनपद क्षेत्र में मनरेगा योजना द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की जांच करें तो मजदूरी के आंकडों पर विश्वास करनें में अचरज होगा। आंकड़ों की सच्चाई बताती है कि, 79 ग्राम पंचायतों की 40 फीसदी आबादी पलायान करके महानगरों में मजदूरी कर रही है। जपं में कार्यरत लोगों की मानें तो पलायन मजदूरों के जॉब कार्ड पंचायत में ही होते हैं। कियोस्क या अन्य बैंक शाखाओं में इन मजदूरों के खाते खोलकर एटीएम कार्ड भी पंचायत में रहते हैं। मस्टर पर इन मजदूरों की फर्जी उपस्थिति भरकर एटीएम कार्ड के सहारे मजदूरी का पैसा निकाल लिया जाता है। इस तरह से यह पूरा फर्जीवाड़ा आसानी से चलता रहता है।

 

“गांव में मौजूद बिरोधी तत्व शिकायतें कर रहे है। पंचायत के निर्माण कार्य विभागीय नियमानुसार हुऐ है। निर्माण कार्यों की वीडियोंग्राफी की की गई थी जो सुरक्षित रखी है। जांच के दौरान अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जाऐगी।“ जमुनाबाई सरपंच ग्राम पंचायत कुवंरपुरा।
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