जरा सी जानकारी ने उड़ाई लोकनिर्माण विभाग की नींद- कठैल
आर टी आई के तहत जानकारी देने से कतरा रहे हैं अधिकारी
टीकमगढ़। जरा सी जानकारी आर टी आई के अंतर्गत क्या मांगी गई, जिले के लोकनिर्माण विभाग से लेकर राजधानी में बैठे प्रमुख सचिव तक के हाथ पांव फूलते नज़र आ रहे हैं। लोकनिर्माण विभाग में अबतक हुए लाखों रुपये के भ्रष्टाचार पर जहां पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है वहीं जिम्मेदार अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बचाने में लगे है।
यूँ तो लोकनिर्माण विभाग अपने अनेक कारनामों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहा है, मजे की बात तो यह है कि अबतक विभाग में हुए लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के बाबजूद दोषी दूध के धुले हुए साबित होते रहे है, तो वही दंडित करने की जगह दोषियों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा रहा है। लोकनिर्माण विभाग से ढेड़ वर्ष पहले फरबरी 2018 में मानवीय संवेदना समिति द्वारा चाही गई जानकारी को देने में अबतक कोई खास रुचि नहीं दिखाई है, कार्यपालन यंत्री अपने ही कार्यालय में चार कदम की दूरी पर बैठे उपयंत्री गोकुल प्रसाद सोनी से जानकारी मांगने के लिए पत्र भेजने में लगे हैं। वही उपयंत्री अजमत अली का स्थानांतरण तीन वर्ष पूर्व हुआ लेकिन उनकी चार्ज लिस्ट लिए बिना उन्हें आनन फानन में रिलीव कर दिया गया अब कार्यपालन यंत्री इस मामले में ढेड़ वर्ष से उपयंत्री को कार्यवाही के शासन को लिखने की चेतावनी तो दे रहे हैं लेकिन अब तक लिखा कुछ नहीं। यहां हुए निर्माण कार्यों, खरीदी के अलावा जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिये किए गए अनाप शनाप खर्चों पर पर्दा डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। अजमत अली उपयंत्री से चार्ज लिए बिना उन्हें रिलीव करना कई सवालों को जन्म दे रहा है, मानवीय संवेदना समिति के सचिव मनीराम कठैल ने सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी के लिए प्रमुख सचिव ले लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई है। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली सरकार और उनके नुमाइंदे इस बढ़े घोटाले को उजागर करने में कहां तक रूची दिखाते हैं।
अफसर के आदेशों की अवहेलना
"सूचना के अधिकार के तहत मानवीय संवेदना समिति द्वारा लोकनिर्माण विभाग से चाही गई जानकारी में लगातार की जा रही हीला हवाली होने से अनेक सवाल उठाए जा रहे हैं। कार्यपालन यंत्री द्वारा अजमत अली उपयंत्री को 20 फरवरी 2019 एवं 17 मई 2019 को चार्जलिस्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा गया, तीन में कार्यवाही करने की चेतावनी भी गई लेकिन ढेड़ साल बाद न तो समिति को किसी प्रकार की जानकारी दी गई और न ही दोषियों पर कार्यवाही की गई। इस मामले में को क्या समझा जाये यह तो समझ के बाहर है"
रिपोर्ट जमील खान टीकमगढ़
आर टी आई के तहत जानकारी देने से कतरा रहे हैं अधिकारी
टीकमगढ़। जरा सी जानकारी आर टी आई के अंतर्गत क्या मांगी गई, जिले के लोकनिर्माण विभाग से लेकर राजधानी में बैठे प्रमुख सचिव तक के हाथ पांव फूलते नज़र आ रहे हैं। लोकनिर्माण विभाग में अबतक हुए लाखों रुपये के भ्रष्टाचार पर जहां पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है वहीं जिम्मेदार अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बचाने में लगे है।
यूँ तो लोकनिर्माण विभाग अपने अनेक कारनामों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहा है, मजे की बात तो यह है कि अबतक विभाग में हुए लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के बाबजूद दोषी दूध के धुले हुए साबित होते रहे है, तो वही दंडित करने की जगह दोषियों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा रहा है। लोकनिर्माण विभाग से ढेड़ वर्ष पहले फरबरी 2018 में मानवीय संवेदना समिति द्वारा चाही गई जानकारी को देने में अबतक कोई खास रुचि नहीं दिखाई है, कार्यपालन यंत्री अपने ही कार्यालय में चार कदम की दूरी पर बैठे उपयंत्री गोकुल प्रसाद सोनी से जानकारी मांगने के लिए पत्र भेजने में लगे हैं। वही उपयंत्री अजमत अली का स्थानांतरण तीन वर्ष पूर्व हुआ लेकिन उनकी चार्ज लिस्ट लिए बिना उन्हें आनन फानन में रिलीव कर दिया गया अब कार्यपालन यंत्री इस मामले में ढेड़ वर्ष से उपयंत्री को कार्यवाही के शासन को लिखने की चेतावनी तो दे रहे हैं लेकिन अब तक लिखा कुछ नहीं। यहां हुए निर्माण कार्यों, खरीदी के अलावा जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिये किए गए अनाप शनाप खर्चों पर पर्दा डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। अजमत अली उपयंत्री से चार्ज लिए बिना उन्हें रिलीव करना कई सवालों को जन्म दे रहा है, मानवीय संवेदना समिति के सचिव मनीराम कठैल ने सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी के लिए प्रमुख सचिव ले लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई है। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली सरकार और उनके नुमाइंदे इस बढ़े घोटाले को उजागर करने में कहां तक रूची दिखाते हैं।
अफसर के आदेशों की अवहेलना
"सूचना के अधिकार के तहत मानवीय संवेदना समिति द्वारा लोकनिर्माण विभाग से चाही गई जानकारी में लगातार की जा रही हीला हवाली होने से अनेक सवाल उठाए जा रहे हैं। कार्यपालन यंत्री द्वारा अजमत अली उपयंत्री को 20 फरवरी 2019 एवं 17 मई 2019 को चार्जलिस्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा गया, तीन में कार्यवाही करने की चेतावनी भी गई लेकिन ढेड़ साल बाद न तो समिति को किसी प्रकार की जानकारी दी गई और न ही दोषियों पर कार्यवाही की गई। इस मामले में को क्या समझा जाये यह तो समझ के बाहर है"
रिपोर्ट जमील खान टीकमगढ़

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