टोड़ीफतेहपुर(झांसी)।शासन के लाख प्रयास किये जाने के बाबजूद भी बेजुबान पशु अपनी दुर्दशा पर अंशु वहा रहे है जिनकी सुध लेने बाला कोई नही है,शासन द्वारा बेजुबान पशुओ के रख रखाव हेतु लाखो रुपये खर्च किये जाने के बाबजूद भी ढाक के तीन पात जैसी स्थिति है बेजुवान पशुओं की स्थिति बड़ी दयनीय है।
कस्वा सहित क्षेत्र में शासन द्वारा अस्थाई रूप गोशालाओं का निर्माण किया गया है जिसमे बेजुवान अन्नाजानवरो को रखा जाना सुनिश्चित किया गया पर शासन द्वारा लाखो रुपये खर्च किये जाने के बाबजूद भी बेजुवान पशु घायल इस ठण्ड में तड़फते हुए घूम रहे है।कस्वा में भृमण करता हुआ यह बेजुवान पशु अपनी दुर्दशा को व्या कर रहा है।लोगो द्वारा बताया गया कि कस्बे में इस समय जख्मी अवस्था मे एक बैल तड़फता हुआ घूम रहा है इस बेजुवान की सुध लेने बाला कोई नही है जिसका एक पैर एव गला बुरी तरह से जख्मी हालत में है,जो स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
शासन के द्वारा लाख प्रयास किये जाने के बाबजूद भी बेजुवान पशुओ की बड़ी दुर्दशा हो रही है जिनका रख रखाव केवल कागजो में ही सीमित होकर रह गया है जबकि धरातल पर देखा जाय तो बेजुवान पशुओं की स्थित बड़ी दयनीय है।आखिर इन बेजुबानो के साथ ऐसा रवैया क्यो अख्तियार किया जा रहा है।बुरी तरह से जख्मी हालत में एक बेल तड़फ रहा है जिसके इलाज एवं खाने तक कि कोई व्यवस्था नही है,पेट की भूख मिटाने के लिए गन्दगी के ढेरों पर मंडराता रहता है यह जख्मी बैल योगी शासन में भी हो रही अपनी दुर्दशा पर आँशु बहा रहा है जबकि कस्वा में स्थायी रूप से गोशाला भी उपलब्ध है।कस्वा के लोगो ने जिला प्रशासन से जख्मी बैल का ईलाज कराये जाने की मांग की है
रिपोर्ट वीरेंद्र तिवारी पिंटू महाराज


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