कमिश्नर का आदेश नहीं मानते जिला प्रशासन के अधिकारीमामला ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर जतारा का।

24 घंटे में बदल दिया मुख्य जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने कमिश्नर का आदेश
जतारा( टीकमगढ़) 
जिला प्रशासन के अधिकारियों की मनमानी कहे या किसी का दबाव जिनके द्वारा 2 दिन पहले सागर संभाग के आयुक्त मुकेश कुमार शुक्ला के द्वारा किए गए एक आदेश को 2 दिन बाद ही बदल दिया जिसको लेकर न केवल तरह-तरह की चर्चाएं का बाजार गर्म है बल्कि जिला प्रशासन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं।
 उन लोगों का कहना है कि
जिला प्रशासन के अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी है कि सागर संभाग के आयुक्त के आदेश को भी नहीं मानते है एक ऐसा ही मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जतारा का प्रकाश में आया है।
बताते चलें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जतारा की खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय अहिरवार का निलंबन समाप्त कर यथावत जतारा बीएमओ के पद पर पदस्थ किए जाने का आदेश बीते 4 मई को ही सागर संभाग के आयुक्त मुकेश कुमार शुक्ला के द्वारा जारी किया गया था जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जतारा में डॉक्टर संजय अहिरवार के द्वारा खंड चिकित्सा अधिकारी के पद पर बीते रोज ही पदभार संभाल लिया था पदभार संभालने के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे और मुख्य जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने कमिश्नर के आदेश को दरकिनार करते हुए डॉ राहुल जैन को बीएमओ के पद पर पदस्थ किए जाने का आदेश जारी किया गया है । और डॉक्टर संजय अहिरवार को चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है।
जिसको लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आ रहे हैं तो वहीं यह भी आरोप है कि डॉ राहुल जैन एनएसयूआई  के जिला अध्यक्ष सचिन जैन के चचेरे भाई हैं और कांग्रेस के नेताओं के दबाव में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी में सागर संभाग के आयुक्त के आदेश को दरकिनार करते हुए उक्त आदेश को बदला है  आरोप है कि प्रदेश में भले ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार है लेकिन जिले में आज भी कांग्रेस के नेताओं का बोलबाला है और जिला प्रशासन के अधिकारी उनके दबाव में आज भी काम कर रहे हैं आरोप भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर लगाए हैं।
 गौरतलब है कि
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जतारा की तत्कालीन बीएमओ डॉक्टर संजय अहिरवार को
कमिश्नर ने किया बहाल
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जहां अस्पतालों में डॉक्टरों और व्यवस्थाओं की कमी को देखते हुए निलंबित चल रहे तत्कालीन जतारा बीएमओ डॉक्टर संजय अहिरवार को सागर कमिश्नर ने बहाल करते हुए यथावत जतारा बीएमओ पदस्थ किया है जिससे यहां डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सके
    फरवरी माह में जतारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक गर्भवती आदिवासी महिला की मौत हो जाने के मामले में निरीक्षण के दौरान बीएमओ रहे डॉ संजय अहिरवार नदारद मिले थे उसके बाद जतारा एसडीएम एवं कलेक्टर ने निलंबन का प्रस्ताव सागर कमिश्नर को भेजा था जिसके बाद 19 2 2021 को सागर कमिश्नर ने  तत्काल प्रभाव से डॉक्टर संजय अहिरवार निलंबित कर दिया था  आरोपपत्र में
 24 मार्च तक डॉक्टर संजय डॉक्टर संजय अहिरवार से जवाब मांगा था  जिसका आज दिनांक तक जवाब नहीं दिया गया इसी बीच इन दिनों कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर की कमी को पूरी करने के लिए 
सागर कमिश्नर मुकेश कुमार शुक्ला ने डॉक्टर संजय अहिरवार को बहाल करते हुए यथावत जतारा बीएमओ पदस्थ किया है  ।इसके साथ ही आरोप पत्र का जवाब प्रस्तुत करने के उपरांत निलंबन 
 के प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।
जतारा से पुष्पेंद्र सिंह परिहार रिंकू की रिपोर्ट
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