टोडीफतेहपुर।(वीरेंद्र तिवारी. पिंटू महाराज)कस्वा के मुहल्ला फतेहपुर में इटवा दरवाजा पर स्थित श्री मंशापूरन हनुमानजी मंदिर के प्रांगण में प्रति वर्ष की भांति इस बर्ष भी तीन दिवसीय रामचरितमानस सम्मेलन समापन के अंतिम दिन कथा व्यास आचार्य श्री सीताशरण शास्त्री द्वारा भगवान श्री राम माता जानकी विवाह प्रसंग,श्रीराम वनवास,केवट सम्बाद का मार्मिक वाचन किया आगे कथा में मुनि सुतीक्षण की कथा में विनोद करते हुए कहा कि सुतीक्षण जी ने अपने गुरुदेव के आश्रम में न होने पर भगवान शालिगराम की शिला से जामुन के फल तोड़ने पर शालिगराम की मूर्ति खो जाने पर सुतीक्षण जी ने भगवान के सिंहासन में एक जामुन का फल रख दिया जब गुरुदेव आश्रम आये और ठाकुर जी की पूजा की तो जामुन का छिलका अलग हो जाने पर गुरु जी ने सुतीक्षण से पूछा जिससे पर सुतीक्षण ने बड़ा अनोखा गुरु जी को जबाब देते हुये बताया कि "पुन चन्दन पुन पानी, शालिगराम सडे तो हम का जानी "इस पर गुरु जी ने सुतीक्षण को आश्रम से निष्कासित कर दिया तब सुतीक्षण ने आश्रम में भगवान को लाने का दृण संकल्प लेते हुए आश्रम में जाने का प्रण लिया,सुतीक्षण ध्यान मग्न थे जब अपनी आँखे खोली तो सामने भगवान श्रीराम माता जानकी और लखन लालको देखकर सुतीक्षण अपनी सुधबुध गँवा बैठै,भगवान ने सुतीक्षण को हृदय से लगा लिया और सुतीक्षण के साथ गुरुदेव के आश्रम में पधारे भगवान को सुतीक्षण के आश्रम में देखकर गुरुदेव सुतीक्षण जैसे शिष्य को पाकर धन्य हो गये आगे कथा में भीलनी शवरी के जूठे बेर खाने, हनुमानजी द्वारा सुग्रीव मित्रता,सेतु का बांधना, लंका दहन से लेकर रावण वध के वाद भगवान श्री राम के राजतिलक की कथा का बड़ा मनमोहक वर्णन किया कथा को श्रवण कर रहे श्रोता भाव विभोर हो गए कथा के अंत में रामायण जी की आरती हनुमान सेवा समिति के सदस्यों सहित गणमान्य नागरिकों ने की मंदिर के महाराज श्री रामकुमार चतुर्वेदी से कथा व्यास ने आशीर्वाद गृहण करते हुए रामचरितमानस सम्मेलन में सहयोग प्रदान करने बाले सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया और अगले बर्ष पुनः इसी प्रांगण में हर वर्ष की भांति श्रीराम कथा का आयोजन कराये जाने में सभी कस्वा एवं क्षेत्रवासियों से सहयोग प्रदान किये जाने की अपेक्षा की अंत में कोविड 19 का पालन करते हुए उपस्थित सभी कथा प्रेमियों को सामाजिक प्रसाद का वितरण किया गया।

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